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नीम / पवन करण

नीम को पुकारो, नीम,
दौड़ा चला आएगा

दाँतों में बनकर दातौन
नीम को गाओ, नीम,
निबोरी-सा टपकेगा
झूला झूलती

सहेलियों की गोद में
नीम को ढूँढ़ो, नीम,
धुन से जूझता
कोठार में मिलेगा

अनाज के नीम को सोचो,
नीम तुम्हें अपने भीतर
हरहराता देगा दिखाई