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नीर प्रिय लागे जमुना तेरो / जुगलप्रिया

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नीर प्रिय लागे जमुना तेरो।
जा दिन दरस परस ना पाऊँ बिकल होत जिय मेरो॥
नित्य नहाऊँ तब सुख पाऊँ होत अलिन सों भेरो।
जुगल प्रिया घट भरि कर लीन्हें सदाचित चेरो॥