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नृत्य / हुम्बरतो अकाबल / यादवेन्द्र

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हम सब
नाच रहे होते हैं
बिलकुल मंच के किनारे।

ग़रीब आदमियों के
गरीबी की वजह से
लड़खड़ाते हैं क़दम
और वे औंधे मुँह
गिर पड़ते हैं नीचे...

और
बाक़ी बचे लोग
गिरते हैं तो भी
गिरते हैं ऊपरली सीढ़ी पर।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र