Last modified on 27 नवम्बर 2015, at 03:56

पल्लै पड़ि गई बारह बीघा में / ब्रजभाषा

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:56, 27 नवम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=ब्रजभाष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पल्लै पड़ि गई बारह बीघा में लगा दई भुटिया॥
ससुर भी सोबै सास भी सोवें दै दै टटिया।
हम लाँगुर दोनों मैंड़ पै डोलें लै लै लठिया॥
पल्ले पड़ि गई.
जेठ भी सोवै जिठानी भी सोवै दै दे टटिया।
हम लांगुर दोनों मैंड़ पर डोलें लै लै लठिया॥
पल्ले पड़ि गई.
देवर भी सोवै दौरानी भी सोवै दै दै टटिया।
हम लांगुर दोनों मैंड़ पर डौलें लै लै लठिया॥
पल्ले पड़ि गई.
बालम भी सोवै सौतन भी सोवे दै दै टटिया।
हम लांगुर दोनों मैंड पर डोलें लै लै लठिया॥
पल्ले पड़ि गई.