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पश्चमी दृष्टि / संजय अलंग


वह इराक में रहता है
फिर भी मुस्कुराता है,
हँसता है,
खिलखिलाता है,
खेलता है,
दौड़ता है


मैं अमेरिका में रह कर
मुस्कुरता हूँ,
खिलखिलाता हूँ,
खेलता हूँ,
दौड़ता हूँ


यूफ्रेटस-टिगरिस के वासियों
तुम्हारे कृत्य भी कोई कृत्य हैं
 

आओ मेसोपोटामियाईयों
मेरे साथ बैठो
मिसाइलें उड़ाओ,
बम गिराओ,
बालात्कार करो,
डालर बाँटो,
 
दुनिया लूटो,
चर्च जाओ,
उसे प्यार बताओ
तब आओ मेरे साथ
बराबर हो
फिर हम साथ बैठेंगें

मुस्करायेंगें
हँसेगें
खेलेंगें
दौड़ेंगें
इराकी तुम पीछे क्यों रहते हो
धोखा दो,
धौंस जमाओ,
चाकू चलाओ


आओ हम मित्रता करें
आगे बढ़ें
चर्च जाएँ
हँसे, खेलें
तुम्हारा पैट्रोल बाँटें
दुनिया देखे
तुम्हारा तेल
हमारा खेल


साथ पग बढ़ाएँ
जंगल काट डाले हैं अब रेत पर
मुस्कराहटें बिछाएँ
 
आमीन!