पहिरे बर दू बीता के पागी जी, पीये ला चोंगी, धरे ला आगी जी । खाये ला बासी, पिये ला पेज पसिया । करे बर दिन -रात खेत मा तपसिया ।। साधू जोगी ले बढ़के दरजा हे हमर, चल मोर भइया बियासी के नांगर ।।