Last modified on 1 जुलाई 2014, at 19:42

पहु मोरा बालक हम तरूणी / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पहु मोरा बालक हम तरूणी
कोन तप चुकल भेलउँ जननी
पहुँ लेल कोरा चलल बजार
हटिया के लोग पुछू के लागु तोहार
नहि मोरा देओर नहि छोट भाय
विधना लिखल छल बालमु हमार
पहिरल सखि एक दछिनक चीर
पिया के देखइत भेल दगध शरीर
बाट रे बटोहिया कि तोहि मोर भाय
हमरो बाबाजी के कहब बुझाय
बेचता गोला बरद कीनता धेनु गाय
दूध पिया कऽ पोसता जमाय
नहि मोरा गोला बरद नहि धेनु गाय
कओने जुगुत सखि पोसब जमाय