बधावा [बधाई गीत ]
पॉँच बधावा पिया न हो गढ़ रे सुहाना हो ,
पॉँच बधावा जो आवत हम देख्या ...........
की प्य्लो बधावो पिया न हो ,
ससरा घर भेजो हो ,दुसरो बधावो सहोदर बाप घर |
की तिस्रो बधावो पिया न हो जेठ घर भेजो हो ,
चोथो बधावो सहोदर वीरा घर |
की पांच्वो बधावो पिया न हो कूख सुलेखनी ,
जिन्ना बतायो रे धन को सोय्लो ......
की अम्बा जो वन की पिया नहो,
कोयल बोल्या हो ,चलो सुआ चलो सुआ ,
अम्बा वन आमली |
की वर्स नी र्ह्य्सा पिया न हो ,
मास नी र्ह्य्सा हो
काचा ते वन फल गदराया |
की माची बसंत पिया न हो ,
मोठी बैण बोल्या हो छोटी बैण बोल्या हो,
चलो पिया चलो पिया ,
वीरा घर पावना ,
की वर्स नी र्ह्य्सा पिया न हो मास नी र्ह्य्सा
पिया न हो
आठ जो दिन का वीराजी घर पावना
की सोननो नी लयनो पिया न हो,रुप्पो नी लयनो हो,
छोटी भाव्जियारो ग्यनो चित्त लाग्यो |