Last modified on 21 फ़रवरी 2011, at 03:20

पांगळो / सांवर दइया

हरखीज रैयो है
आखो जगत
कै चांद माथै पूगग्यो आदमी
अबै
आ बात अलायदी है
कै बींनै रैवणो कोनी आवै
धरती माथै
भर कोनी सकै बो
सांस अर सांस बिच्चै बापरियोड़ी
थोथ !