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पानी गिरता / गिरीश पंकज

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पानी गिरता झर-झर-झर,
मोर नाचते फर-फर-फर ।
मेंढक उचक-उचक कर गाते-
गाना, सुन लो टर-टर-टर ।।

बिजली नाचे घूम-घूम कर,
पेड़ डोलते झूम-झूम कर ।
खुश हैं बादल, बाँटे पानी,
धरती माँ को चूम-चूम कर ।