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पानी भारेन जाऊसे वो मोरी मायू / कोरकू

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पानी भारेन जाऊसे वो मोरी मायू
घर का सासू घाघर रोके
भागी भागी से आई से जावा मारो बेटी
भागी भागी के आई जा
मैं कैसी आऊंसे वो मोरी मायू
रास्ता में मिले होय तो सोटी न मारे
रोटी पावन जाऊंसे वो मोरी मायू
घर का जिठानी चूला न रोके
भागी भागी से आई से जावा मारो बेटी
भागी भागी के आई जा

स्रोत व्यक्ति - शांतिलाल कासडे, ग्राम - छुरीखाल