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पापा की तनख्वाह में / रमेश तैलंग

पापा की तनख्वाह में
घर भर के सपने।

चिंटू का बस्ता,
मिंटी की गुड़िया।
अम्माँ की साड़ी,
दादी की पुड़िया।
लाएँगे, लाएँगे
पापाजी अपने।

पिछला महीना तो
मुश्किल से काटा।
आधी कमाइ्र में
सब्जी और आटा।
अगले में घाटे
पड़ेंगे ये भरने।