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पाया उसने ही सदा / त्रिलोक सिंह ठकुरेला

पाया उसने ही सदा,जिसने किया प्रयास।
कभी हिरन जाता नहीं, सोते सिंह के पास॥
सोते सिंह के पास,राह तकते युग बीते।
बैठे -ठाले व्यक्ति, रहे हरदम ही रीते।
'ठकुरेला' कविराय, समय ने यह समझाया।
जिसने किया प्रयास, मधुर फल उसने पाया॥