पाया उसने ही सदा,जिसने किया प्रयास।
कभी हिरन जाता नहीं, सोते सिंह के पास॥
सोते सिंह के पास,राह तकते युग बीते।
बैठे -ठाले व्यक्ति, रहे हरदम ही रीते।
'ठकुरेला' कविराय, समय ने यह समझाया।
जिसने किया प्रयास, मधुर फल उसने पाया॥
पाया उसने ही सदा,जिसने किया प्रयास।
कभी हिरन जाता नहीं, सोते सिंह के पास॥
सोते सिंह के पास,राह तकते युग बीते।
बैठे -ठाले व्यक्ति, रहे हरदम ही रीते।
'ठकुरेला' कविराय, समय ने यह समझाया।
जिसने किया प्रयास, मधुर फल उसने पाया॥