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}}<poem>पारस अरोड़ा : तीन कविता-संग्रै- ‘झळ’, ‘जुड़ाव’, ‘काळजै कलम लागी आग री’ अर उपन्यास- ‘खुलती गांठां’ प्रकाशित। ‘राजस्थानी-1’ नवी कविता की पैली पत्रिका रा पांच कवियां मांय सामिल कवि। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर खातर कविता-संकलन ‘अंवेर’ रौ संपादन। मंगलेश डबराल रै हिंदी कविता संग्रै रौ राजस्थानी अनुवाद- ‘म्हां जिकौ देखां’ साहित्य अकादेमी, नवी दिल्ली सूं प्रकाशित। ‘अपरंच’ तिमाही पत्रिका रै अलावा लोकप्रिय मासिक पत्रिका ‘माणक’ सूं ई संपादन-जुड़ाव रैयौ।</poem>
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जन्म : अगस्त 1937 निधन : 31 अक्टूबर 2015
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तीन कविता-संग्रै- ‘झळ’, ‘जुड़ाव’, ‘काळजै कलम लागी आग री’ अर उपन्यास- ‘खुलती गांठां’ प्रकाशित।  
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‘राजस्थानी-1’ नवी कविता की पैली पत्रिका रा पांच कवियां मांय सामिल कवि।  
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राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर खातर कविता-संकलन ‘अंवेर’ रौ संपादन।  
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मंगलेश डबराल रै हिंदी कविता संग्रै रौ राजस्थानी अनुवाद- ‘म्हां जिकौ देखां’ साहित्य अकादेमी, नवी दिल्ली सूं प्रकाशित। राजेश जोशी री कविता "समरगाथा" रो राजस्थानी अनुवाद प्रकाशित।
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‘अपरंच’ तिमाही पत्रिका रै अलावा लोकप्रिय मासिक पत्रिका ‘माणक’ सूं ई संपादन-जुड़ाव रैयौ।
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06:11, 1 नवम्बर 2015 का अवतरण

पारस अरोड़ा :
जन्म : अगस्त 1937 निधन : 31 अक्टूबर 2015
तीन कविता-संग्रै- ‘झळ’, ‘जुड़ाव’, ‘काळजै कलम लागी आग री’ अर उपन्यास- ‘खुलती गांठां’ प्रकाशित।
‘राजस्थानी-1’ नवी कविता की पैली पत्रिका रा पांच कवियां मांय सामिल कवि।
राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर खातर कविता-संकलन ‘अंवेर’ रौ संपादन।
मंगलेश डबराल रै हिंदी कविता संग्रै रौ राजस्थानी अनुवाद- ‘म्हां जिकौ देखां’ साहित्य अकादेमी, नवी दिल्ली सूं प्रकाशित। राजेश जोशी री कविता "समरगाथा" रो राजस्थानी अनुवाद प्रकाशित।
‘अपरंच’ तिमाही पत्रिका रै अलावा लोकप्रिय मासिक पत्रिका ‘माणक’ सूं ई संपादन-जुड़ाव रैयौ।