पावैं शोभा लोक में , जो जन विद्यामान ।
जिन विद्या बल हैं नहीं, सो नर भूत मसान ।।
सो नर भूत मसान पशु पागल परवारी ।
बिन विद्या नर सून ताल जैसे बिन वारी ।।
गंगादास ये जीव जाति नर पशु कहावैं ।
बिना सुगंधी सुमन कहीं आदर ना पावैं ।।
पावैं शोभा लोक में , जो जन विद्यामान ।
जिन विद्या बल हैं नहीं, सो नर भूत मसान ।।
सो नर भूत मसान पशु पागल परवारी ।
बिन विद्या नर सून ताल जैसे बिन वारी ।।
गंगादास ये जीव जाति नर पशु कहावैं ।
बिना सुगंधी सुमन कहीं आदर ना पावैं ।।