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पाव रोटी की बात / लीलाधर मंडलोई

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बावजूद इसके कि वह रो रही है
मैं नहीं करूँगा पावरोटी की बात
माँ दो दिन पुरानी रोटियों के बासी सूखे टुकड़ों को
भिगोयेगी गुड़ के पानी में और
करेगी इंतजार कि लौट सके
बासी सूखे टुकड़ों से
थोड़ा नरमानरम अहसास पावरोटी का
चुराता आँखें देखता रहूँगा माँ के साथ
पत्नी की कातर आँखों में
मैं बिल्कुल नहीं करूँगा पावरोटी की बात
मेरी जेब से एकदम बाहर
ये महीने के आखिरी दिन हैं