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पिता बोले थे / हरीश करमचंदाणी

पिता बोले थे

सदा सच बोलना
मैं झूठ कभी नहीं बोला

पिता बोले थे
हमेशा ईमानदार रहना
मैंने बेईमानी नहीं की कोई

पिता बोले थे
न्याय के संग साथ रहना
मैंने अन्याय का दामन कभी नहीं थामा

पिता बोले थे
सदा सुखी संपन्न रहना
पिता की हर बात मानना क्या संभव भी है ?