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पियारो कलम / मनीष कुमार गुंज

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हमरोॅ पियारो-पियारो कलम
चलै छै जादे रूकै छै कम।

रंग-विरंगा, ललका हरका
कोय नै छोटो, सभ्भे बड़का
दुनियां के एकरा पर नाज
सब छाती पर एकरो राज
राम-रहीम लिखों या बम
हमरोॅ पियारो-पियारो कलम।

सब एकरोॅ सम्मान करै छै
सब एकरॉे गुणगान करै छै
एकरोॅ विना कहाँ कल्याण
यहाँ कराबै साँझ-विहान
एकरा में दुनिया के दम
हमरोॅ पियारो-पियारो कलम
चलै छै जादे रूकै छै कम।