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पैंसठ बरसी कहानी / कस्तूरी झा 'कोकिल'

पैंसठ बरसी कहानी सिनेमा लागै छै।
तोरा हमरा प्यार केॅ पैमाना लागै छै।
मिली जुली रंग रभस
होलै दिन रात।
फागुन में सावन में
सजलै बारात।
तोरा बिना सब दिन बीराना लागै छै।
तोरा हमरा प्यार केॅ पैमाना लागै छै।
आँधी बवनडर में
दुखऽ केॅ समुनदर में
नैया रोॅ पाल
माँझी खुशहाल।
असकल्लोॅ आबे बौराना लागै छै।
तोरा हमरा प्यार केॅ पैमाना लागै छै।
जागी-जागी देखै छीहौं
रात, भिन सार।
गीत लाद रचै छीहौं
तोरे मनुहार
तोरैह लेली जीवन दीवाना लागै छै
तोरा हमरा प्यार केॅ पैमाना लागै छै।

4 मई 2016 दिनो केॅ चार बजे