Last modified on 26 दिसम्बर 2007, at 22:42

पैरों के आसपास / त्रिलोचन

मन अब जो मांगता है

यदि वह नहीं होता

तो उदास होता है


जो मिलने का नहीं

अगर वही मांगा

तो मांगने वाले ने

चेत अधर में टांगा

आसरे आसरे

जी हताश होता है ।


इन्द्रधनुष कितने

इच्छाओं के

बन बन कर मिटते हैं

साँवली घटाओं के ।

कीचड़ ही पैरों के

आसपास होता है ।