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प्यार की हम तो इशारों से बात करते हैं / गुलाब खंडेलवाल

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प्यार की हम तो इशारों से बात करते हैं
फूल जिस तरह बहारों से बात करते हैं

कुछ तो है और भी इन ख़ाक के पुतलों में ज़रूर
होके जुगनू भी सितारों से बात करते हैं

हम जिसे अपना समझ लें वो कोई और ही है
यों तो करने को हज़ारों से बात करते हैं

अब ये छोटा-सा सफ़र ख़त्म हुआ ही समझें
बुलबुले उठ के किनारों से बात करते हैं

दो घड़ी आपकी नज़रों पे चढ़ गए थे गुलाब
रात भर चाँद-सितारों से बात करते हैं