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प्यार / कुलवंत सिंह

प्यार के लिये उम्र की कोई बंदिश नही होती,
लेकिन प्यार हो जाये तो उम्र है आहिस्ता बढ़ती.

खुशियों की सौगात यदि ज़िंदगी में चाहिये,
खुशियों को बांटने वाला एक हमसफ़र चाहिये.

प्यार पा लिया एक बार, उसे पत्थर का बुत न बनाइये,
गूंधिये रोज़ आटे की तरह और नई रोटी बनाइये.

दिल को उपहार समझ पाने की तमन्ना न रखो,
दिल तो दिल है, उसे प्यार करो और जीत लो.

दुनिया के लिये तुम केवल एक इंसान हो,
लेकिन प्यार में किसि के लिये तुम पूरी कायनात हो.

प्यार कीजिये तो कीजिये पागलपन की हद तक,
मिटा दे हस्ती खुद की, फ़ना हो जये रूह तक.

दुनिया में सबसे बड़ा गम यह नही कि इंसान मरते हैं,
गम है तो यह कि इंसान प्यार करना छोड़ देते हैं.

प्यार वह चाबी है जिससे खुशियों के सारे ताले खुलते,
दुनिया से दुख दर्द मिट जाते, गर इंसा से इंसा प्यार करते.