जल विहीन कंठों को आज
सरकार से एक आस लगी है
लेकिन भारत के नेता
वादों से फिर जाते हैं
जिस दिन वादे पूरे होंगे
उस दिन हमारे सपने पूरे होंगे
और भारत मां के सूखे होंठ
जल की बूंदों से भीगे होंगे।
जल विहीन कंठों को आज
सरकार से एक आस लगी है
लेकिन भारत के नेता
वादों से फिर जाते हैं
जिस दिन वादे पूरे होंगे
उस दिन हमारे सपने पूरे होंगे
और भारत मां के सूखे होंठ
जल की बूंदों से भीगे होंगे।