भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रतिमा / भाग्य चक्र नित चलता है

Kavita Kosh से
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:36, 22 फ़रवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKFilmSongCategories |वर्ग=अन्य गीत }} {{KKFilmRachna |रचनाकार = , '''गायक: }} <poem>भाग्य चक्…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार: , गायक:                 

भाग्य चक्र नित चलता है कर्मों की गति न्यारी है
रोता हो या हँसता हो भाग्य चक्र नित जारी है

फिरता है किसी के पहलू में संसार यह सारा
रोता है किसी की फ़ुर्क़त में बदहाल बेचारा

कर्मों का फल भोग रहा पापी नाबीना
दुनिया का दौर निराला पलभर का पसारा

बीता बचपन आई जवानी आई जवानी क्या दीवानी
दुनिया बन्धन है इक धोखा प्रेम अमर है और लाफ़ानी