Last modified on 9 जनवरी 2008, at 21:10

प्रलम्बित खड़े हैं / केदारनाथ अग्रवाल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:10, 9 जनवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=आग का आईना / केदारनाथ अग्रवा...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)




प्रलम्बित खड़े हैं

बियाबान मौन के पहरुये

दिगम्बरी रहस्य की चांदनी ओढे पेड़


(रचनाकाल : 14.10.65)