भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रश्नोत्तर में जोगीरा / भोजपुरी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:19, 21 सितम्बर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मित्रो भेद बताओ महावीर उस लंका के,
जो दहन किया गढ़ लंका के ना।
कवन बात पर महावीर ने भेष बनाया बन्दर का?
कितना लम्बा कितना चौड़ा पानी रहा समुन्दर का?
पूरब पच्छिम उत्तर दक्खिन था पहाड़ दशकन्धर का?
कौन तरफ से गये महावीर, भेद जो पाये अन्दर का?
विभीषण से मुलाकात हुआ कब, दिन रहा कि रात?
जाकर बजा दिया ओ डंका जो दहन किया गढ़ लंका का।
कै मिनट के अन्दर पकड़ा महावीर बलवान को?
कौन दूत ने खबर दिया था, जाकर सभा में रावन को?
उसी दूत का नाम बता दो, आज सभा में धावन को।
परी रहा कि देव रहा, कि था लड़का उ ब्राह्मन का?
पूँछ में कपड़ा कौन लपेटा, था किस निस्चर का बेटा?
फूंका घर वो पहले किसका, महावीर ने जाकर के?
नर -नारी सब जले थे कितने बताओ तू गा करके?
रहा कौन समय ओ बेरा, उसने पूंछ कै दफे फेरा?
गुजरा कै दिन शंका का, जो दहन किया गढ़ लंका का।
गोरे काले मरे थे कितने, बिगे गये उठा करके?
हिसाब करके जरा बता दो आज हमें समझा करके।
किस जंगल की थी वो लकड़ी गदा बना बलधारी का?
उस बढ़ई का नाम बताओ काम किया मिनकारी का?
वजन बता दो उस गदा का महावीर बलधारी का।
कहे शिवनन्दन खोलो भेद, दिल से हटाकर संका का।
जो दहन किया था लंका का।