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"प्राण जाये पर वचन ना जाये / चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया" के अवतरणों में अंतर
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<poem>चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया | <poem>चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया |
08:31, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
रचनाकार: एस.एच बिहारी , गायक:आशा भौंसले |
चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया
ज़हर भी चाहा अगर पीना तो पीने ना दिया
चैन से हमको कभी...
चांद के रथ में रात कि दुल्हन जब जब आएगी
याद हमारी आपके दिल को तडपा जायेगी
आपने जो है दिया वो तो किसी ने ना दिया
ज़हर भी चाहा ...
आप का गम जो इस दिल में दिन रात अगर होगा
सोच के यह दम घुटता है फिर कैसे गुज़र होगा
काश ना आती अपनी जुदाई मौत हो आ जाती
कोई बहाने चैन हमारी रूह तो पा जाती
एक पल हँसना कभी दिल कि लगी ने ना दिया
ज़हर भी चाहा ...