Last modified on 22 फ़रवरी 2010, at 08:31

प्राण जाये पर वचन ना जाये / चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया

Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:31, 22 फ़रवरी 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रचनाकार: एस.एच बिहारी , गायक:आशा भौंसले                 

चैन से हमको कभी आपने जीने ना दिया
ज़हर भी चाहा अगर पीना तो पीने ना दिया
चैन से हमको कभी...

चांद के रथ में रात कि दुल्हन जब जब आएगी
याद हमारी आपके दिल को तडपा जायेगी
आपने जो है दिया वो तो किसी ने ना दिया
ज़हर भी चाहा ...

आप का गम जो इस दिल में दिन रात अगर होगा
सोच के यह दम घुटता है फिर कैसे गुज़र होगा
काश ना आती अपनी जुदाई मौत हो आ जाती
कोई बहाने चैन हमारी रूह तो पा जाती
एक पल हँसना कभी दिल कि लगी ने ना दिया
ज़हर भी चाहा ...