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प्रार्थना गीत / श्याम सुन्दर घोष

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मौला दै दे एक तम्बूरा
ओकरा पर हमेॅ राग गुंजावौं-अनहद, करलौं जीवन पूरा।
जीवन सीधा-सादा एतना, नैं चाहै छी देखौं सपना,
पीठ दैकेॅ चल पावौं सुख केॅ, ध्यान नैं खीचेॅ कोट-कगूंरा।
ज्यों-ज्यों करी केॅ रही लेना छै, मिलेॅ हलाहल पी लेना छै।
आपनोॅ नैया खुद ही खेबवै, आपनोॅ गठरी आप मजूरा।
चना चबेना के बल जीना, खोदि कुआं गंगा-जल पीना,
फाकामस्ती के जे नौवत आवेॅ हँस केॅ करौं सबूरा।
जीवन तेॅ बस खेल-तमाशा, नाच नचा कुछ दै केॅ झांसा,
नीली छतरीवाला जेहनोॅ बनौं मदारी बनी जमूरा।
कोय्यो मांगै टाका-पैसा, धन, दौलत सुख, ऐसा-पैसा;
हम्में मागौं लोटा-थारी, चिमटा कम्बल, भांग, धतूरा।