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प्रार्थना / पंकज चौधरी

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हे ईश्‍वर
तुम यदि कहीं हो
तो मेरी प्रार्थना है तुमसे
कि तुम मुझे पाखंडी मत बनाना
क्‍योंकि पाखंडी का पाखंड
अंतत: उसे ही खंड-खंड करता है
और दण्‍ड में
उसका ही धर्म, समाज और राष्‍ट्र बदनाम होता है

हे ईश्‍वर
तुम यदि कहीं हो
तो मेरी प्रार्थना है तुमसे
कि तुम मुझे मक्‍कार मत बनाना
क्‍योंकि मक्‍कारी ही बीमार करने का काम करती है
और हम अपाहिज, विकलांग और दया के पात्र बन जाते हैं

हे ईश्‍वर
तुम यदि कहीं हो
तो मेरी प्रार्थना है तुमसे
कि तुम मुझे वादाखिलाफी मत बनाना
क्‍योंकि वादाखिलाफी ही घमासान को बुलावा देती है
और घमासान हमें मटियामेट करते रहे हैं

हे ईश्‍वर
तुम यदि कहीं हो
तो मेरी प्रार्थना है तुमसे
कि मैं अगर किसी के काम आ सकूं
तो मेरे मन में मसीहा का अहंकार नहीं भरना
क्‍योंकि मसीहा का अहंकार ही तानाशाही में तब्‍दील हो जाता है
और तानाशाह का अंजाम बहुत ही दर्दनाक होता है

हे ईश्‍वर
तुम यदि कहीं हो
तो मेरी प्रार्थना है तुमसे
कि तुम मुझे उनके प्रति नमकहलाल बनाए रखना
जो मेरे गर्दिश के दिनों में काम आए
हां, और तुम अगर मुझे नमकहराम बनाओगे
तो जान लो
नमकहरामों पर से दुनिया का विश्‍वास उठ जाएगा
और जिसका खामियाजा अंतत:
नमकहरामों की संतति, जाति, समाज और राष्‍ट्र को ही भुगतना होता है

हे ईश्‍वर
तुम यदि कहीं हो
तो मेरी एक प्रार्थना और है तुमसे
कि तुम मुझे ऐसा बुद्धिमान मत बनाना
जो भोले लोगों को बेवकूफ बनाकर
अपना उल्‍लू सीधा करता है
और अंधेरे बंद कमरे में/ अकेले में
ठ्ठ्ाकर हंसने का काम करता है
कि उसने किसी को बेवकूफ बना दिया

हे ईश्‍वर
इसलिए तुम मुझे ऐसा बुद्धिमान मत बनाना
क्‍योंकि आदतन ऐसा बुद्धिमान
अपने बाप को भी बेवकूफ बना जाता है।