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प्रीत-9 / विनोद स्वामी

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आज तो
पून नै ई रीस-सी आई है
अर बांवड़ो झाल
रेत नै मचकाई है।
पैली निरखै
अर पछै मिटावै
आपणा मिलण सैनाण।