भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रेम में-2 / निशांत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कुछ
कहने का सुख
कुछ
न कह पाने के दुख में
छिपा रहता है

चलती रहती है
एक कहानी समानांतर