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प्रेषित / शिशुपाल सिंह यादव ‘मुकुंद’

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उदय प्रसाद उदय के निधन पर :: शोकांजली

संसृति के संस्कृत नियम उदय,अस्त,युग तथ्य
उदय अस्त जनु एक है,गहन दार्शनिक सत्य

उदय हुए थे ओ नक्षत्र क्या,आज डूबने ही को
आये ही क्या धराधाम में,मचल रूठने ही को

तुम साहित्य गगन पर चमके,अस्त हुए कुछ देकर
स्वर्ग-लोक में उदय रहोगे, अमर- कीर्ती को लेकर