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फरवरी में देख कर तरबूज़ फलों की दुकान में / हेमन्त शेष

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फरवरी में देख कर तरबूज़ फलों की दुकान में
डूबा अफ़सोस-दर्पण में

कि क्या-क्या नष्ट नहीं कर डाला
हम लोगों के लालच ने
जून के तरबूज़ का रसीला स्वाद तक
इस तरह सजाये गए बेमौसम तरबूज़ों में