Last modified on 26 मई 2011, at 00:21

फिर मेरे आँगन में चांदनी नही आई / त्रिपुरारि कुमार शर्मा

फिर मेरे आँगन में चांदनी नही आई
अंधेरों से जा मिला मेरी उम्र का धागा

तमाचा मारा था बचपन में चाँद को