भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फूलन की मंडली मनोहर / चतुर्भुजदास

Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:53, 16 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चतुर्भुजदास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

फूलन की मंडली मनोहर बैठे जहाँ रसिक पिय प्यारी ।
फूलन के बागे और भूषण फूलन की पाग संवारी ॥१॥
ढिंग फूली वृषभान नंदिनी तैसिये फूल रही उजियारी ।
फूलन के झूमका झरोखा बहु फूलन की रची अटारी ॥२॥
फूले सखा चकोर निहारत बीच चंद मिल किरण संवारी ।
चतुर्भुज दास मुदित सहचारी फूले लाल गोवर्धन धारी ॥३॥