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फूली जालो काँस ब्बै, फूली जालो काँस / गढ़वाली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

फूली जालो काँस<ref>याद</ref> ब्बै, फूली जालो काँस,
म्योलड़ी<ref>मायके</ref> बासदी ब्बै, फूलदा बुराँस!
हिंसर की काँडी ब्वै, हिंसर की काँडी,
मौली<ref>कोपल आना</ref> गैन डाली ब्बै, हरी ह्वैन डाँडी<ref>चोटियाँ</ref>।
गौड़ी देली दूद ब्बै, गौड़ी देली दूद,
मेरी जिकूड़ी<ref>हृदय</ref> लगी ब्बै, तेरी खूद<ref>याद</ref>।
काखड़ी को रैतू ब्वै, काखड़ी को रैतू,
मैं खूद लगी ब्बै, तू बुलाई मैतू<ref>मायके</ref>।
दाथुड़ी को नोक ब्बै, दाथुड़ी की नौक,
वासलो कफू ब्बै, मैत्यों<ref>मायके का</ref>का चौक!
सूपा भरी देण ब्बै, सूपा भरी देण,
आग भमराली ब्बै, भैजो<ref>भाई</ref> भेजी लेण<ref>बुलाने</ref>।
टोपी धोई छोई ब्बै टोपी धोई छोई,
मैत्या डाँड देखी ब्बै, मैं आँदो रोई!
झंगोरा की बाल ब्बै, झंगोरा की बाल,
मैत को बाटो देखी ब्बै, आँखी ह्वैन लाल!

शब्दार्थ
<references/>