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फूल मुस्कुरा गेल / मुनेश्वर ‘शमन’

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हउले-हउले खुमार छा गेलय।
कोय सुतल दरद सुगबुगा गेलय

पेन्ह पियरी बनल दुल्हिन धरती।
हर तरफ फूल मुस्कुरा गेलय।

पाँव घुंघुरू बन्हल हे बगिया के।
मस्त हो पगली छमछमा गेलय।
 
राग बासन्ती बबूरवन गावय।
बाँस-अमरइया महमहा गेलय।

रंगलक बुढवो पलास जिनगी अपन।
ऐसन मउसम कि मन बउरा गेलय।

लिपटय खाली बिछउना से खुस्बू।
फेरो केकरो खेयाल आ गेलय।