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फेरों-कन्यादान का गीत / 7 / राजस्थानी
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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कन्यादान
घडी दोय मांडा हेट आवो दादाजी, आवो बाबाजी आज धरम की बेल्याजी।
धरम तुम्हारो जी, भाग हमारो धियड परणायर जस लेवोजी,
आज धरम की बेल्याजी।
घडी दोय मांडा हेट आवो नानाजी, आवो मामाजी आज धरम की बेल्याजी।
धरम तुम्हारो जी भाग हमारो भाणजी परणायर जस लेवोजी।