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"बंदरिया डांस बार में / प्रभुदयाल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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19:21, 2 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

बीच सड़क पर मुझे एक दिन,
बन्दर भाई मिले।
अपने घर से उन्हें बहुत थे,
गिले और शकवे।
बोले नहीं बंदरिया देती,
उन्हें समय पर खाना।
उसे सुहाता रोज़ रोज अब,
डांस बार में जाना।