भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बगुला-भगत / राहुल शिवाय

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:03, 18 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राहुल शिवाय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बगुले की यह सुनो कहानी
उसके मन में थी बैमानी

उसने सिर पर तिलक लगाया
रामायण का पाठ सुनाया

सुनने जो भी मछली आयी
उसने उसको झट से खाया

छल से बचकर रहना प्यारे
इस गाथा ने हमें सिखाया