बचपन की याद धीरे धीरे प्यार बन गई
आ देख एक फुलवारी अब गुलज़ार बन गई
दिल में मोहब्बत आई जवानी के साथ-साथ
मेरी दिल की नगरी प्यार का संसार बन गई
आ देख एक फुलवारी ...
दुनिया से जिसको हम ने छिपाया था बार-बार
वो बात आके होंठों पर इक़रार बन गई
आ देख एक फुलवारी ...
फ़िल्म : शहीद (1948)