भेड़िया गुर्राता है
आदमी की शक्ल में
और तुम
मेमने की तरह मिमियाते हो ;
तुम्हारा यही भय
तुम्हें भेड़िये का भोजन बनाता है
अगर तुम
भोजन बनना नहीं चाहते
तो तुम्हें
गुर्राने की कला सीखनी होगी,
गुर्राने की ही नहीं
झपटने की भी।
भेड़िया गुर्राता है
आदमी की शक्ल में
और तुम
मेमने की तरह मिमियाते हो ;
तुम्हारा यही भय
तुम्हें भेड़िये का भोजन बनाता है
अगर तुम
भोजन बनना नहीं चाहते
तो तुम्हें
गुर्राने की कला सीखनी होगी,
गुर्राने की ही नहीं
झपटने की भी।