भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बच्चा पूछता है सूर्य के बारे में / वर्नर अस्पेंसट्रोम

Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:01, 16 अक्टूबर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वर्नर अस्पेंसट्रोम |संग्रह= }} <Poem> प...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रकाश का श्वेत झरना
बादलों के मध्य से, पत्तों के मध्य से
और बच्चे के प्रश्नों की चक्की से:
क्यों और क्यों?
संसार की सरलताएं नहीं की जा सकतीं
व्याख्यायित. न घास,
न प्रकाश का झरना, वह श्वेत,
अश्रव्य.

(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)