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बड़ पीपर पऽ बाँध्यो रे हिण्डोरना / पँवारी

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पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बड़ पीपर पऽ बाँध्यो रे हिण्डोरना
समदन दारी झूलन खऽ जाय रसिया
लंका नऽ मारी दारी खऽ इलायची नऽ मारी
भैय्या राम नऽ मारी कम्मर तोड़ी रे रसिया।
जया दारी झूलन खऽ जाय रसिया
लंका नऽ मारी दारी खऽ जाय रसिया
लंका नऽ मारी दारी खऽ इलायची नऽ मारी।
वा पुष्पा दारी झूलन खऽ जाय रसिया
भैय्या गोपी नऽ मारी कम्मर तोड़ी रे रसिया।।
लवंग नऽ मारी दारी खऽ इलायची नऽ मारी
समदन दारी झूलन खऽ जाय रसिया।।