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बताया सबने कर्म प्रधान / शिवदीन राम जोशी

{{KKRachna रचनाकार=शिवदीन राम जोशी | }}

बताया सबने कर्म प्रधान |
वेद पुराण शास्त्र दे साखी, ऋषि मुनि संत महान ||
कर्म भूमि कर्मा री खेती, कोई अगेती कोई पछेती |
बोवे बीज सोही फल पावे, सबको है यह ज्ञान ||
कर्म शुभाशुभ कर्मयोग है, कर्म बना सोही कर्मभोग है |
कर्म का बंधन है ही तगड़ा, धर देखो उर ध्यान ||
कर्म कभी निष्फल ना होवे, धन शुभकर्म पाप सब धोवे |
ऐसेही कर्म बुरा भ्रम दुःख है,कर्म रूप पहचान ||
शिवदीन कर्म गत राम मिलेरे, सुबह नहीं तो शाम मिलेरे |
सतगुरु संत सत्य सतसंगी, किना पूर्ण निदान ||