Last modified on 29 जुलाई 2016, at 06:06

बदलाव / विजयेन्द्र

कलिंग लड़ाय के बाद
हममें नै देखनें छेलियै
कौनो विजय रोॅ कतार
से पाली लै छेलियै मनोॅ में
हारी केॅ एकठो जीत के आस
एक दिन हारिये गेलियै ।
‘दुश्मन संहारणम्’ के बदला
‘बुद्धं शरणम्’ केॅ चुनलियै ।
अहिंसा के फूल सें
कटतें रहलै हमरोॅ दर्प ।
दर्पण कानी पड़लै
अतीत रोॅ गौरवशाली इतिहास
अजायब घर के चीज
बनी केॅ रही गेलोॅ छै ।
रामलीला-रासलीला के
कड़ी जोड़ी रहलोॅ छियै ।