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"बदला न अपने आपको जो थे वही रहे / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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बदला न अपने आपको जो थे वही रहे
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मिलते रहे सभी से अजनबी रहे
  
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अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी
मिलते रहे सभी से अजनबी रहे<br><br>
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हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे
  
अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी<br>
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दुनिया न जीत पाओ तो हारो न खुद को तुम
हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे<br><br>
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थोड़ी बहुत तो जे़हन में नाराज़गी रहे
  
दुनिया न जीत पाओ तो हारो न खुद को तुम<br>
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गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो
थोड़ी बहुत तो जे़हन में नाराज़गी रहे<br><br>
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जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे
  
गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो<br>
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हर वक़्त हर मकाम पे हँसना मुहाल है
जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे<br><br>
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रोने के वास्ते भी कोई बेकली रहे
 
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हर वक़्त हर मकाम पे हँसना मुहाल है<br>
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रोने के वास्ते भी कोई बेकली रहे <br><br>
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18:38, 11 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण

बदला न अपने आपको जो थे वही रहे
मिलते रहे सभी से अजनबी रहे

अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी
हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे

दुनिया न जीत पाओ तो हारो न खुद को तुम
थोड़ी बहुत तो जे़हन में नाराज़गी रहे

गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो
जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे

हर वक़्त हर मकाम पे हँसना मुहाल है
रोने के वास्ते भी कोई बेकली रहे