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बनारस क्या शहर है बस / उपासना झा

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1.

उगते सूर्य को अर्घ्य देकर ही
विदा होती है अरुंधति
कालभैरव की आरती करती है
अनवरत जलती चिताएं
उसी शहर में
गंगा पार ठंडी रेत में
बैशाख के किसी अनमने दिन में
सूर्य के साथ उदित हुआ था प्रेम
तुम्हारे लिए हो सकता है
वह संकीर्ण गलियों वाला
गन्दी सड़कों वाला शहर
भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम में फंसा हुआ
शहर जिसकी ठगी मशहूर है
उस शहर ने मुझे ऐसे ठग लिया था
कि सब तरफ़ हरा ही नज़र आता था
 
2.

जाने कितने व्याकुल दिन
हमने बिताए एक शहर में रहकर
एक-दूसरे को बिना देखे
जाने कितने असंख्य क्षण काटे गए
संग में बिना हँसे
तुम्हारा कंधा चूम लेने की हसरत
बनी रही एक प्यास
लेकिन ‘चाहना भी चूमना ही है’
कहकर जिस तरह तुमने देखा था
आत्मा पर उसका स्पर्श अब भी है
बनारस वह आदिम इच्छा भी है
जिसने जला रखा है प्रेमियों को सृष्टि के आरंभ से
 
3.

तुम कह सकते हो उसे
उम्र के उन बरसों की नादानी
या ये भी कि नदियों में भी होती है
समय की उठान
उनदिनों हर चीज़ नशा होती थी
हँसी में घुली रहती थी
गोदौलिया की भाँग और रथयात्रा की ठंडई
सिगरा चौराहे की चाय
लहुराबीर का समोसा
और कैंट पर खाये गये अमरुद
उचटी हुई नींद से उठने पर
गला सूख जाने से जो याद आये
बनारस वही कलेजे की फाँस है…
 
4.

घाट-घाट का पानी पीकर
लहरतारा से जो लहर उठकर
चली गयी है मंडुआडीह की तरफ़
उसमें गुम हैं हज़ार मुस्काने
क़ैद हैं जाने कितनी जवानियाँ, जिन्दगानियां
बजरडीहा में धुन है धागों के रंगों की
उसी शहर में उठती है विदा की धूम
मणिकर्णिका के मरघट पर, अनवरत
उसी शहर से कुछ अलग हटकर
दिनरात जपते हैं बौद्ध-भिक्षु
करुणा के मंत्र
उस शहर ने बना लिया है
मुझमें एक ऐसा प्राचीन शहर
जो युगों तक जीवित रहेगा
 
5.

प्रेम की सब कविताओं में
उदासियाँ उसी तरह गुंथी हुई है
जैसे जब मैं सपनों की बात लिखना चाहूँ
तो लिख जाती हूँ भरी हुई आँखे
जैसे बरसात के मौसम में किसी भी क्षण
छलकने को तैयार रहती है गंगा
जब मैं लिखना चाहूँ तुम्हारे चेहरे पर
ख़ुशी की खिलखिलाहट
कागज पर उतर जाता है तुम्हारे होंठो का चुप
बनारस वह धागा भी है
जिसने जोड़े रखा है तुम्हें मुझसे अबतक
 
6.

उनदिनों जब तुम पूछते थे कि
प्यार की मात्रा और गहराई
और कभी-कभी उम्र भी
अस्सी घाट की सीढ़ियां, गंगा का तल
और बनारस
कितने माक़ूल जवाब लगते थे
और अब सोचती हूँ तो लगता है
अस्सी की कितनी सीढियां डूब गई
गंगा के कितने पाट सूख गए
बनारस कितना पुराना हो गया…