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"बन्ने के नैना जादू के बान / हिन्दी लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बन्ने के नैना जादू के बान, बन्ने के नैना जादू के बान
मैं वारी वारी जाऊ रसिया, मैं वारी वारी जाऊ रसिया॥
शीश रेशम की पगिया सोहे, मोरे पन्खा की है सिरमोर
मैं वारी वारी जाऊ रसिया, मैं वारी वारी जाऊ रसिया॥
कान बन्ने के कुन्डल सोहे,मोतियन की है चमकार
मैं वारी वारी जाऊ रसिया, मैं वारी वारी जाऊ रसिया॥
श्याम बदन पर पियरो जामा, मुनिमन हरत लुभान
मैं वारी वारी जाऊ रसिया, मैं वारी वारी जाऊ रसिया॥
संग सोहे राजों की बेटी, रुक्मिनी बाम बखान
मैं वारी वारी जाऊ रसिया, मैं वारी वारी जाऊ रसिया॥